अक्सर यह सवाल हर एक को परेशान करता है कि हमें लगभग कितनी देर तक सोना चाहिए क्योंकि हर इंसान अपनी आदतों का आदी होता है और वह अपनी आदतों के मुताबिक ही सोता है कोई बहुत ज्यादा सोता है तो कोई बहुत कम होता है और इसी के आधार पर लोग यह सोचते हैं कि हमें कितना सोना चाहिए जिससे कि हमारे दिमाग को पर्याप्त रेस्ट मिल सके और वे अच्छे से कार्य कर सकें मगर दोस्तों सोने की गंदी आदतों की वजह से भी हम अपने दिमाग को बिगाड़ देते हैं और वह असंतुलित हो जाता है इसका सीधा सीधा असर हमारे दिमाग पर होता है और वह फिर अच्छे से काम नहीं करता बल्कि कभी-कभी तो हमारी भूलने की वजह भी हमारी सोने की गंदी आदत ही होती है क्योंकि दोस्तों आजकल मोबाइल और प्रौद्योगिकी के जमाने में सोने की आदत है बहुत ही बेकार हो चुकी है लोग देर रात तक जागते हैं और सुबह देर तक सोते हैं इन्हीं बुरी आदतों की वजह से कई बार ऐसी बीमारियां हमारे मन में घर कर जाती है जो कि हमारे शरीर को दिन प्रतिदिन बीमार और ज्यादा बीमार बनाती रहती है इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम जाने वाले हैं कि हमें कितना समय तक सोना चाहिए जिससे कि हमारा शरीर स्वस्थ रहें और इसी के साथ में हमारा दिमाग भी स्वस्थ रहें क्योंकि दोस्तों सोना भी एक तरह से हमारे दिमाग को चार्ज करने जैसा है जी हां दोस्तों जिस प्रकार से हमारा मोबाइल फोन डिस्चार्ज हो जाता है तो उसे हम चार्जिंग पर लगाते हैं उसी तरह से हमारा दिमाग भी दिन भर के दैनिक कार्यों से थक जाता है और उसे भी रेस्ट की आवश्यकता होती है उसे रेस्ट दोस्तों नींद के माध्यम से मिलता है यदि हम पर्याप्त मात्रा में नींद ले तो उसे बेहतर रेस्ट मिलेगा और वह उसी उत्साह से और रोज काम करेगा मगर दोस्तों अगर हम कम नींद लेते हैं तो दिमाग भी चिड़चिड़ा हो जाता है और हमारा भी किसी भी काम में मन नहीं लगता है तो आइए आज के इस ब्लॉग में हम जानते हैं कि हमें कितना समय तक सोना चाहिए जिससे कि हमारा दिमाग पर्याप्त रूप से संतुलित बना रहे और हम अच्छे से काम कर सके तो दोस्तों सबसे पहले तो हम नींद के ऊपर चर्चा कर लेते हैं कि हमें कितने समय तक सोना चाहिए तो बेसिकली सामान्य तौर पर 8 घंटे की नींद पर्याप्त होती है अगर हम 8 घंटे की नींद 24 घंटे में से लेते हैं इससे हमारा दिमाग तरोताजा रहता है और हम रोज तरोताजा महसूस करते हैं और अपने सभी कामों में अपना दिमाग को अच्छे से लगता है मगर दोस्तों अगर हम इससे ज्यादा घंटे की नींद लेते हैं तो 10 घंटे से ज्यादा की नींद हमारे दिमाग को फिर ज्यादा सुस्त कर देती है और ऐसी स्थिति में भी हमारा दिमाग कार्य करना कम कर देगा और हमें आलसी बना देगा ऐसी स्थिति में दोस्तों अगर हम 10 घंटे से ज्यादा रोज सोते हैं कि यह स्थिति हमारे लिए बहुत ही खराब हो जाती है और ऐसी स्थिति में हमारा दिमाग बहुत ही ज्यादा आलसी हो जाएगा और वह सही से कार्य नहीं कर पाएगा कहते हैं ना कि दोस्तों अगर किसी भी चीज का संतुलित रूप से उपयोग किया जाए तो वह हमारे लिए फायदेमंद होती है और अगर किसी का ज्यादा उपयोग किया जाए या उसका कम उपयोग किया जाए तो वह हमारे लिए नुकसानदायक होती है इसी तरह से नींद भी है अगर हम संतुलित रूप से नींद लेंगे यानी कि 8 से लेकर 10 घंटे तक की या कम से कम 6 घंटे तक की नींद भी अगर लेगे तो हमारा दिमाग अच्छे से कार्य जरूर करेगा सामान्य तौर पर 8 घंटे की नींद आदर्श नींद मानी जाती है और इससे ज्यादा हम 10 घंटे तक सो सकते हैं मगर इससे ज्यादा हम सोने की कोशिश करेंगे कि हमारे दिमाग को बहुत ही ज्यादा आलसी बना देगा क्योंकि दोस्तों आपने भी देखा होगा कि अगर हम अपने मोबाइल फोन को 2 या 3 घंटे तक चार्ज लगाए तो ठीक है मगर इससे ज्यादा हम चार्ज उसको करते हैं तो इससे हमारी मोबाइल की बेटी के ऊपर असर पड़ता है और इससे मोबाइल की कार्य क्षमता भी प्रभावित होती है वह कभी-कभी तो फोन के फूड जाने का भी डर बना रहता है इसी प्रकार से दोस्तों नींद है अगर हम ज्यादा समय तक सोएंगे तो यह हमारे दिमाग की कार्य क्षमता को भी प्रभावित करेगी और यह हमारे दिमाग को आलसी बना देगी और यही दोस्तों अगर हम पर्याप्त मात्रा में संतुलित रूप से नींद ले तो हमारे दिमाग को अच्छा कार्य कुशल बनाने में मदद करेगी दोस्तों हमेशा इस बात का ध्यान जरूर रखिए कि आप हर रोज पर्याप्त मां त्रा में संतुलित 8 घंटे की नींद जरूर लें मगर इससे ज्यादा ना सोए क्योंकि अगर इससे ज्यादा रोज हम सोने की आदत डाल लेंगे तो हमारा शरीर भी उसी के अनुसार अपने आपको डाल देगा और वह ज्यादा नींद की मांग करने लगेगा और फिर हमें दिन में भी नींद आना शुरू हो जाएगी ऐसी स्थिति हमारे लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक हो जाती है तो इसलिए हमें चाहिए कि हम पर्याप्त मात्रा में ही नींद ले अगर कुछ काम नहीं है तो हमें कुछ ऐसे सॉफ्टपाल लेने चाहिए जिससे कि हमारी नींद दूर हो जाए क्योंकि दोस्तों अधिकतर जो घर पर लोग रहते हैं उनका कहना यह होता है कि कुछ काम ही नहीं है तो चले सो लेते हैं मगर दोस्तों यह सोने की आदत उनके शरीर को बहुत ही बुरा नुकसान पहुंचाती है इसकी वजह चाहिए कि हम सोने की अपेक्षा कुछ ऐसे रूचि पूर्ण कार्यों में समय बताएं जिससे कि हम कुछ अच्छा कर सकें दोस्तों यह ब्लॉग आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा और आप हमेशा पर्याप्त मात्रा में संतुलित नींद अवश्य ले आपके बेहतर भविष्य की शुभकामनाओं सहित