chhath Puja 2022 | chhath Puja | छठ पूजा | छट पूजा | छट पर्व | chhath Puja date 2022

दोस्तों खासकर संपूर्ण बिहार और उत्तर प्रदेश में छठ पूजा को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है जिससे कि अक्सर छठ पूजा या छठ पर्व के नाम से भी जाना जाता है यह त्योहार दिवाली के कुछ दिन बाद आता है जैसे संपूर्ण बिहार में और उत्तर प्रदेश में खूब धूमधाम से मनाया जाता है आजकल तो यह त्यौहार संपूर्ण भारतवर्ष में भी मनाया जाने लगा है क्योंकि आवागमन के साधन और लोग काम की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर बस गए हैं और इसी वजह से संस्कृति अभी एक जगह से सभी तरफ फैल चुकी है इसलिए अब आजकल छठ पर्व संपूर्ण भारत का एक बहुत बड़ा त्यौहार बन चुका है

और इसे आप संपूर्ण भारत में खूब मनाया जाता है छठ पर्व एक विशेष प्रकार का हिंदू पर्व है जो कि छठी मैया की आराधना के रूप में मनाया जाता है इस दिन छठी मैया का व्रत रखा जाता है और सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है वैसे तो छठ पूजा की शुरुआत बहुत प्राचीन समय से ही बताई जाती है

रामायण काल में भी यह व्रत सीता के द्वारा अपने पति के पाप मुक्ति हेतु किया गया था क्योंकि भगवान राम ने रावण का वध किया था इसलिए रावण ब्राह्मण था इसलिए राम भी पाप के भागी बनने वाले थे इसी पाप की मुक्ति हेतु सीता मैया ने छठी मैया का व्रत किया था ताकि उनके पति राम को रावण वध का कोई पाप ना लगे और इसके बाद महाभारत काल में भी छठ पूजा का वर्णन देखने को मिलता है महाभारत काल में सूर्यपुत्र कर्ण के द्वारा भी छठ की पूजा की गई थी और इसके बाद द्रोपति ने भी छठ की पूजा करके ही वरदान में पांडवों के लिए सारा राजपाट मांग लिया था जोकि दुर्योधन उनसे छिन चुका था इसके बाद में एक कथा और भी प्रचलित है जिसमें एक राजा के कोई भी संतान नहीं थी मगर छठी मैया की कृपा से उसको संतान की प्राप्ति हो गई थी तब उस राजा ने भी उस व्रत को किया था इन्हीं पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज भी आधुनिक काल में छठ पर्व खूब धूमधाम से मनाया जाता है जो कि बिहार और उत्तर प्रदेश में इसकी धुन खूब देखने को मिलती है इस दिन नदियों के घाटों पर जन सैलाब उम्र पड़ता है जो कि पूरी तरह से छठी मैया की भक्ति में डूबे होते हैं सुबह से ही यहां पर घाटों पर अपार भीड़ देखने को मिलती है और छठी मैया भी इन सब की मनोकामना ओं को खूब पूरा करती है छठी मैया की कृपा से ही इनको संतान आदि की प्राप्ति होती है और छठी मैया भी इनको खूब वरदान देती है छठी मैया के भक्त भी साल भर से इस छठ पर्व का इंतजार करते हैं और छठ पर्व के रोज भी व्रत रहते हैं और छठी मैया की पूजा की जाती है इस रोज कोई भी व्यक्ति अपनी नौकरियां काम धंधे को छोड़कर छठ पूजा में जरूर भाग लेता है

ताकि वे छठी मैया से कुछ वरदान स्वरुप मांग सके और छठी मैया को कुछ अर्पित कर सके दोस्तों आज संपूर्ण भारत सहित विश्व के अनेक हिस्सों में भी यह त्यौहार मनाया जाने लगा है क्योंकि हम सब भारतवासी विश्व के कोने-कोने में फैले हुए हैं तो इन त्योहारों की रोनक अब वहां भी फैल चुकी है इसलिए कई हिस्सों में भी विश्व के यह त्यौहार मनाया जाता है आज छठी मैया का प्रभाव समय के साथ बिल्कुल भी कम नहीं हुआ है

बल्कि और उसमें और ज्यादा बढ़ोतरी हुई है आज छठी मैया का त्यौहार सभी लोग बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं और छठ पर्व बिहार का तो खास का महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक हैं क्योंकि दिवाली के जस्ट बाद आने वाला यह त्यौहार उनका बहुत ही बड़ा उत्सव होता है इसकी तैयारियां महिलाएं तो खासकर बहुत ही समय पहले करने लग जाती है

जिसके पहले तरीका सामान इकट्ठा अपने घर पर करती है पूजा के लिए सामान इकट्ठा किया जाता है और उसी के साथ सारे तरीके पकवान भी छठ मैया की पूजा के लिए बनाए जाते हैं महिलाएं इकट्ठा होकर तरह-तरह के छठी मैया के गीत भी आती है और पूरा वातावरण मानो भक्ति से सराबोर हो उठता है लगभग 3 से 4 दिन तक चलने वाला यह त्यौहार बहुत ही आकर्षक और सजीला होता है इसमें नदियों के घाटों पर जाकर छठी मैया की पूजा की जाती है और डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देना इसमें विशेष माना गया है आजकल हम आधुनिक जरूर हुए हैं मगर हम अपनी परंपराओं से आज भी उसी प्रकार से जुड़े हुए हैं

आज भी हम तीज त्यौहार विभिन्न प्रकार के पर्व को भलीभांति उसी प्रकार से मनाते आ रहे हैं जैसे कि हमारे पूर्वज मनाया करते थे आज भी छठी मैया के इस पावन त्योहार को हम बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं छठी महिमा की भक्ति में सभी लोग इस प्रकार से रम जाते हैं कि छठी मैया उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करेगी और छठी मैया भी उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी पूरी करती है तभी तो छठ के इस त्यौहार में दिन दूनी रात चौगुनी श्रद्धालुओं की बढ़ोतरी होती जा रही है सभी श्रद्धालु अपनी श्रद्धा अनुसार व्रत को रखते हैं और अपनी श्रद्धा अनुसार इन सभी विधि-विधान ओं को को अच्छे से संपन्न जरूर करवाते हैं छठ पर्व को लेकर खासकर रेलवे के द्वारा भी तैयारी की जाती है क्योंकि इस समय छठ पर्व पर अपने घर जाने वाले यात्रियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखने को मिलती है क्योंकि छठ पर्व पर तो सभी को घर जाना आने वाली ही होता है

चाहे कोई कितना ही बड़ा या छोटा व्यक्ति क्यों ना हो बे छुट्टी लेकर या अपने काम को छोड़कर घर जरूर जाता है और छठ की पूजा जरूर करता है क्योंकि यही वह समय होता है जब वह अपने परिवार जनों के साथ में उस समय अच्छे से व्यतीत कर सकता है क्योंकि त्यौहार ही ऐसे कारण होते हैं जब हम सभी परिवार वाले आपस में मिल सकते हैं क्योंकि वैसे तो हमें किसी को भी काम से फुर्सत नहीं मिलती है मगर हम त्योहारों के समय ही त्योहारों को मनाने के लिए ही एक साथ सब लोग इकट्ठा हो पाते हैं

और हम अपने त्योहारों को अच्छे से मना सकते हैं छठी मैया की महिमा इतनी अपार है कि इनकी जितना गुणगान किया जाए उतना कम होगा छठी मैया सभी लोगों को अपने उपकार स्वरूप सब कुछ भरपूर देती है और खासकर छठी मैया का त्यौहार तो बिहार का प्रमुख त्योहारों में से एक है इस दिन तरह-तरह के पकवान घर पर बनाए जाते हैं और छठी मैया की पूजा की जाती है इस दिन व्रत जरूर रखा जाता है छठी मैया का पर्व हर साल की तरह इस साल भी बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है और सभी लोग अपने घरों की ओर जा रहे हैं खासकर ट्रेनों में भी काफी भीड़ देखी जा रही है छठ पर्व को लेकर क्योंकि सभी लोग अपने घर पर जा रहे हैं क्योंकि उन्हें छठ पर्व अच्छे से मनाना है अपने घर पर जाकर क्या आप भी इस बार छठ पर्व को लेकर अपने घर पर जा रहे हो या नहीं हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा

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