RBI NEWS | अब हर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर देना होगा अतिरिक्त शुल्क | पेटीएम, गूगल पे, फोन पे इस्तेमाल करना हुआ मुश्किल

दोस्तों मोदी सरकार ने लेनदेन को आसान बनाने के लिए यूपीआई पेमेंट लागू किया था जिसके अंतर्गत हम पेटीएम फोन पर गूगल पर किसी के माध्यम से भी पैसा भेज सकते थे यह सुरक्षित था और आसान भी था और आज देश की अधिकतर जनता इन्हें साधनों का इस्तेमाल करके पैसे का लेनदेन करती है

क्योंकि दोस्तों इसमें नगदी पैसा भी जेब में नहीं रखना पड़ता है और हमारा लेनदेन भी आसानी से हो जाता है आजकल काफी ऐसे ऑनलाइन पेमेंट माध्यम प्रचलन में आ गए हैं जिनके माध्यम से हम छोटी-छोटी दुकानों पर भी पेमेंट करते हैं जी हां दोस्तों चाय का पेमेंट या और छोटे-छोटे पेमेंट भी आजकल पेटीएम या गूगल पर या अन्य के माध्यम से किए जाते हैं मगर दोस्तों यह इतना आसान भी नहीं है क्योंकि इसको पूरा सुनिश्चित और नियोजित करने में बैंकों को भी काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है यह हमारे लिए तो आसान है

मगर इतना ही बैंकों के लिए सुविधाजनक भी है क्योंकि हम हर छोटा-बड़ा पेमेंट किसी के माध्यम से करते हैं जिसकी बैंक में एंट्री भी होती है हम सभी के लिए तो इन सभी का इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है और आज हर कोई इन चीजों का इस्तेमाल कर रहा है

तो दोस्तों इस से डिजिटलाइजेशन भी बड़ा है जो कि मोदी सरकार की मनसा कि मोदी सरकार ने तो शुरू में यह भी बताया कि वह ऑनलाइन पेमेंट को ही बढ़ावा देंगे जिससे कि नकदी की मात्रा कम हो और रिजर्व बैंक को छापने में जो खर्चा होता है वह भी कम आए मगर दोस्तों इसका उल्टा होने वाला है जी हां दोस्तों आज हम आपको बताएंगे कि क्या यह ऐप अब आगे भी फ्री रहेंगे या नहीं क्योंकि दोस्तों अभी तक तो से तो यह होता आया है कि यह पूरी तरह से निशुल्क है यानी कि इनका हमें कोई भी शुल्क नहीं देना होता है

यानी कि एक आसान भाषा में अगर इसे समझा जाए तो किसी दुकानदार को हमें ₹100 चुकाने हैं इसके लिए हम फोन पर या गूगल पर के माध्यम से ₹100 ही भेजते हैं और हमारी बैंक से भी ₹100 ही काटे जाते हैं मगर दोस्तों अब आगे नहीं होगा क्योंकि अब आरबीआई के नियम बना रहा है जिसमें वह हर एक ट्रांजैक्शन के ऊपर कुछ अतिरिक्त शुल्क लगाने की कह रहा है यानी कि अगर आपका प्रत्येक ट्रांजैक्शन होगा तो उसके लिए आपको कुछ अतिरिक्त शुल्क भी देना होगा जी हां दोस्तों इसका सीधा-सीधा भोक्ता पर भी पड़ेगा

क्योंकि इससे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन काफी महंगे हो जाएंगे यानी कि अब आपको प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर अतिरिक्त पैसा चुकाना होगा जो कि आपके बैंक अकाउंट से ही काटा जाएगा अगर सीधे सीधे तौर पर देखा जाए तो यह एक तरीका सुविधाजनक भी है और एक तरीका है क्योंकि दोस्तों यह जब लांच किए गए थे और भारत सरकार ने भी लांच किया था उस समय तो पूरी तरह से रखा गया था मगर दोस्तों अब आरबीआई ऐसे नियम कानून बना रहा है जिसके अंतर्गत इनके ऊपर अतिरिक्त शुल्क लागू कर रहा है इस हिसाब से अगर देखा जाए तो आरबीआई सभी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वाले उपभोक्ताओं को हतोत्साहित करने का कार्य कर रहा है क्योंकि इसके लिए प्रत्येक लेनदेन पर एक अतिरिक्त शुल्क देना होगा

जो कि बैंक हमसे वसूल करेगा जो की पूरी तरह से अन्याय पूर्ण है क्योंकि पैसा उतना ही काटा जाना चाहिए जितना कि हमारे द्वारा भुगतान किया गया है मगर इसके लिए अब बैंक अतिरिक्त शुल्क भी लगा सकता है ऐसी व्यवस्था आरबीआई के द्वारा नियमों और कानूनों में की जा रही है अब जिससे सीधा सीधा असर इसका उपभोक्ता पर ही पड़ने वाला है जब भी कोई टैक्स लगाए जाते हैं तो उसका सीधा सीधा असर उपभोक्ता पर ही पड़ता है अब तो जीएसटी लागू होने के बाद से और ऐसी खाने पीने की चीजें जो कि बिल्कुल जरूरी है उनके ऊपर भी सरकार ने टैक्स लागू कर दिया है यहां तक तो ठीक था मगर अब तो खाने के आटे के ऊपर भी सरकार ने टैक्स लागू कर दिया है जो कि पूरी तरह से गलत क्योंकि एक आम मजदूर व्यक्ति भी आजकल समय ना हो पाने की वजह से वह गेहूं लेकर पिसवाने की वजह आटा लेकर ही खाना पसंद करता है

यहां तक तो ठीक था मगर दोस्तों अब आरबीआई ऐसे नियम कानून बना रहा है जिसके अंतर्गत हमें प्रत्येक लेनदेन पर टैक्स देना होगा यानी कि अब अगर देखा जाए तो आप अगर अपने इर्द-गिर्द देखोगे तो आप पाओगे कि सभी तरफ टैक्स और टैक्स टैक्स सभी तरफ से टैक्स लगाए जा रहे हैं हर चीज पर टैक्स इस प्रकार से बढ़ाए जा रहे हैं जिससे की चीजें महंगी हो रही है दोस्तों आपका इसके बारे में क्या कहना है एक जन कल्याणकारी सरकार को चाहिए कि वह जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए टैक्स को कुछ इस प्रकार से व्यवस्थित करें जिससे कि उसका कम से कम भारत जनता पर पड़े और जनता को इसका पता भी ना चले इस प्रकार से टैक्स की व्यवस्था होनी चाहिए क्योंकि दोस्तों इस डायरी में सभी व्यक्ति आते हैं

एक ऐसा गरीब व्यक्ति भी किस दायरे में आता है जो कि रोज की मजदूरी करके अपना जीवन यापन करता है और बड़े से बड़े बिजनेसमैन भी इसके दायरे में आता है अब बड़े लोगों पर तो इंटेक्स का ज्यादा असर नहीं होता है मगर आम जनता के ऊपर इनका सीधा सीधा असर देखने को मिलता है दोस्तो इस प्रकार अगर देखा जाए तो अब आने वाले समय में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करना बहुत महंगा साबित हो जाएगा और हर कोई ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने से बचेंगे क्योंकि अब इसके लिए अतिरिक्त सुनकर जो देना होगा अगर इसी प्रकार से यह घटनाएं जारी रहती है तो फिर वापस से लोग ऑनलाइन पेमेंट की बजाय नगद भुगतान करना ज्यादा पसंद करेंगे क्योंकि दोस्तों नगरी भुगतान करने के लिए तो कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं होता है सरकार ने पहले तो ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को बढ़ाने के लिए ऐसी व्यवस्था लागू की मगर अब दोस्तों सरकार इनके ऊपर भी अब शुल्क लगाना चाह रही है जिससे कि उनकी और बैंकों की अच्छी कमाई हो सके मगर इसका सीधा सीधा असर अब ग्राहकों पर पड़ने लगेगा अभी यह नियम लागू नहीं हुए हैं क्योंकि इनको नियम लागू होने में अभी समय लगेगा

आरबीआई इसके ऊपर विचार कर रहा है कि किस प्रकार से शुल्क वसूला जाए और क्या उसकी रणनीति होनी चाहिए कितना शुल्क लिया जाना चाहिए यह सब कुछ आरबीआई अभिषेक करेगा इसके बाद में ही इन नियमों को और कानूनों को लागू किया जाएगा अगर देखा जाए तो भविष्य में इन मोबाइल एप्लीकेशन का इस्तेमाल करना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा क्योंकि अब आगे चलकर आरबीआई ऐसे नियम जब बना रहा है

यह एप भी चाहेंगे कि इससे हमारी भी कमाई हो इसलिए फिर यह एक भी अपने अतिरिक्त शुल्क ग्राहकों से वसूल कर सकते हैं आपको मालूम ही होगा कि फोन पर नहीं तो रिचार्ज और ऐसे पेमेंट के ऊपर अतिरिक्त शुल्क लागू कर रखा है और आगे से हो सकता है कि अन्य ऑनलाइन पेमेंट एप भी इस प्रकार के नियमों को लागू कर दे दोस्तों आपका इसके बारे में क्या कहना है

क्या आरबीआई को ऑनलाइन ट्रांजैक्शन यानी कि यूपीआई ट्रांजैक्शन के ऊपर शुल्क लागू करना चाहिए या नहीं करना चाहिए क्योंकि दोस्तों इस से जनता का हित जुड़ा हुआ है आज हर कोई बड़ा छोटा व्यक्ति किसी प्रकार से लेन-देन करता है मगर आरबीआई अगर इन ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के ऊपर ऐसे नियम लागू करता है कि प्रत्येक ट्रांजैक्शन का एक अतिरिक्त शुल्क देना होगा इसका सीधा-सीधा अर्थ यह होगा कि अब उपभोक्ताओं की जेब से ज्यादा पैसा जाएगा जी हां दोस्तों इस को एक उदाहरण के माध्यम से समझ लेते हैं मान लिया हमें किसी दुकानदार को ₹100 का भुगतान ऑनलाइन करना है और अगर हम ऑनलाइन भुगतान ₹100 का करते हैं तो हमारा इसके साथ में ₹100 के साथ में कुछ और अतिरिक्त शुल्क काटा जाएगा मान लिया ₹100 पर अतिरिक्त शुल्क ₹2 हैं तो इसका मतलब यह है

कि हमारे बैंक अकाउंट से ₹102 काटे जाएंगे ₹2 बैंक को मिलेंगे और इसके अलावा ₹100 संबंधित जो व्यक्ति है उसके खाते में चले जाएंगे इसका सीधा सीधा सा मतलब यह है कि हमें ₹100 का भुगतान करने पर ₹102 हमारे बैंक अकाउंट से काटे जाएंगे मगर दोस्तों यह नियम अभी लागू नहीं हुए हैं हमारा मकसद सिर्फ इन बारे में जानकारी देना था जो कि जल्द ही ऐसे नियम लागू होने वाले हैं आरबीआई इन नियमों के ऊपर अभी कार्य कर रहा है

और इन को लागू करवाने के लिए जल्द से जल्द वह सिफारिश भी करने वाला है अगर दोस्तों आरबीआई इस तरह के नियमों को लागू करता है इसका सीधा सीधा असर प्रत्येक भारतीय व्यक्ति पर पड़ेगा आप हमें यह जरूर बताएं क्या आरबीआई यह ठीक कर रहा है या नहीं कमेंट जरूर कीजिएगा धन्यवाद जय हिंद जय भारत

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