आज हम सभी भारतीय आजादी के 75 साल पूरे होने की खुशी मना रहे हैं जो कि हमें अंग्रेजों की लगभग ढाई सौ सालो तक की गुलामी सहन करने के बाद में प्राप्त हुई है मगर क्या हम आजादी का असली मतलब समझते हैं कि हमें यह आजादी किस प्रकार से प्राप्त हुई तो आइए जानते हैं इतिहास के पन्नों में और खोजते हैं
कि यह आजादी हमें किस प्रकार से प्राप्त हुई तो दोस्तों लगभग अंग्रेजों ने भारत पर ढाई सौ सालो तक शासन किया इन ढाई सौ सालो में प्रत्येक भारतीय ने अंग्रेजों के कई प्रकार के अत्याचारों को देखा जब ईस्ट इंडिया कंपनी भारत आई तो उसका मकसद केवल भारत में शासन करने के अलावा अपने व्यापार का इस प्रकार से विस्तार करना था कि यहां से सिर्फ कच्चा माल इंग्लैंड को भेजा जा सके और वहां से तैयार माल भारत आए जिससे कि इंग्लैंड को दोगुना मुनाफा हो भारत को वे सिर्फ एक मजदूर देश के रूप में देखते थे वह यहां पर भी ज्यादा विकास नहीं करना चाहते थे क्योंकि विकास के लिए तो उनका स्वयं का देश था और वह यहां पर सिर्फ यहां की जनता से काम करवा कर यहां से कच्चा माल पैदा करके अपने देश में ले जाकर वहां की बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में उसका उत्पादन करके फिर वापस भारत में बेचने की प्लानिंग उनकी थी और ऐसा ही उन्होंने बहुत सालों तक किया जिससे यहां की जनता गरीब और ज्यादा गरीब होती चली गई और अंग्रेजों ने बहुत प्रकार के कई ऐसे कानून भी लागू किए जिसने भारतीय जनता की कमर तोड़ दी अंग्रेजों ने भारतीय किसानों को खाने के अनाज पैदा करने की बजाय नील और कपास की पैदावार करने पर जोर दिया जिससे कि इंग्लैंड में स्थित बड़ी-बड़ी कपड़ा फैक्ट्रियों के लिए कपास प्राप्त हो सके और उस कपड़े को रंगने के लिए नील प्राप्त हो सके फलस्वरूप भारतीय किसानों की दशा दिनोंदिन बिगड़ती गई
क्योंकि भारतीय किसान ना चाहते हुए भी कपास और नील की खेती करने के लिए मजबूर थे उन्हें मजबूरी में यह फसलें उगानी होती थी अंग्रेजी भी भारतीय किसानों से सस्ते दामों में कपास और नील को खरीद कर इंग्लैंड भेज देते थे जहां पर वहां से कपास से सूती कपड़ा बनाया जाता और उस कपड़े को रंगने के लिए नील का इस्तेमाल किया जाता और वहां का तैयार कपड़ा फिर वापस भारत में बेचने के लिए भेज दिया जाता याने की कुल मिलाकर उन्होंने एक ऐसी व्यवस्था लागू की कि भारतीयों से ही कच्चा माल खरीद कर उसी से तैयार माल ऊंचे दामों पर भारतीयों को बेचा जाए इससे धीरे-धीरे भारतीय अर्थव्यवस्था चरमरा गई भारतीय किसानों की दुर्दशा और देनी हो गई क्योंकि उनके पास तो अब खाने के लिए अनाज भी नहीं था जो अनाज में खेतों से खाने के लिए पैदा कर लेते थे अब उन्हीं खेतों में वह नील और कपास बोने के लिए मजबूर थे ऐसे में अंग्रेजो के खिलाफ संपूर्ण भारत में विद्रोह के स्वर फूटने लगे और जगह-जगह क्रांतियां होने लगी सन 1857 की क्रांति भी इसी का एक उदाहरण है अगर 1857 की क्रांति हम भारतीयों के द्वारा सुनियोजित तरीके से लड़ी जाती तो हम उसी समय आजाद हो गए होते मगर सूचनाओं के अभाव के कारण और एक दूसरे की भाषा न समझ पाने के कारण और यह क्रांति असमय भड़क गई और भारत के विभिन्न हिस्सों में यह एक समय आयोजित नहीं हुई यानी कि इसको अलग-अलग स्थानों पर होने में समय लगा जिससे कि अंग्रेजों को इस क्रांति को कुचलने के लिए पर्याप्त समय मिल गया और उन्होंने 1857 की क्रांति को कुचल दिया और इस प्रकार यह क्रांति असफल हो गई मंगल पांडे झांसी की रानी लक्ष्मीबाई तात्या टोपे बेगम हजरत महल नाना साहेब बहादुर शाह जफर आदि 1857 की क्रांति के मुख्य क्रांतिकारी रहे बहादुर शाह जफर को अंग्रेजों ने गिरफ्तार करके बर्मा की राजधानी रंगून भेज दिया और इसी के साथ में यह क्रांति भी दबा दी गई मगर अंग्रेज यह बात समझ चुके थे
कि अब भारत में वह ज्यादा समय तक शासन नहीं कर पाएंगे क्योंकि अब जगह जगह प्रदर्शन और विरोध होने लगे थे जिसमें अंग्रेजों का घोर विरोध किया जा रहा था कई ऐसे तत्कालीन नेता भी उभर कर सामने आए जिन्होंने अंग्रेजों का खुला विरोध किया शहीद भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद सुखदेव राजगुरु ऐसे कई क्रांतिकारी हुए जिन्होंने अंग्रेजों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि हम भारतीय भी कम नहीं है अब हम ज्यादा समय तक गुलामी को सहन नहीं कर पाएंगे जब इंग्लैंड की रानी को यह लग गया कि अब भारत में ज्यादा समय तक शासन कर पाना असंभव है तो उन्होंने भारत को आजाद करने का फैसला कर दिया और यह सुनिश्चित किया कि भारत को 1947 तक आजाद कर दिया जाएगा और आखिर वे दिन भी आया जब 15 अगस्त 1947 को भारत को पूर्ण रूप से आजादी प्राप्त हो गई इसी के साथ भारत का एक नया सूर्योदय शुरू हुआ मगर इसी के साथ में विभाजन का परिणाम भी हमें झेलने को मिला क्योंकि भारत का विभाजन करके एक नया देश पाकिस्तान जो बना दिया गया था अगर भारत विभाजन ना हुआ होता तो पाकिस्तान भी आज भारत का हिस्सा रहा होता मगर जो भी हो दोस्तों इस आजादी को पाने के लिए हमारे क्रांतिकारियों ने कितने ही दुख और दर्द को झेला है कितनी ही यात्राएं उन्होंने जेल में सहन की है और कई क्रांतिकारी तो ऐसे हैं जो की नीव का पत्थर बन गए उनके नाम तक आज हमें याद नहीं है मगर इन सपूतों की वजह से ही आज हमें आजादी प्राप्त हुई है जिसका आज हम जश्न मना रहे हैं इसके पीछे इन वीर सपूतों की ही कुर्बानियां है
तो हम जब भी 15 अगस्त को मनाए हमें इन वीर क्रांतिकारियों को जरूर याद करना चाहिए जिससे कि हम इनको सच्ची श्रद्धांजलि दे सकें और अपना कर्तव्य इनके प्रति निभा सके क्योंकि दोस्तों जो इन्होंने किया है वह आज कोई भी नहीं कर सकता है क्योंकि इन्होंने हमें आजाद करवाने के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दे दी और अंग्रेजों के कितने ही अत्याचार इन्होंने सहन किए 15 अगस्त 1947 को जब हम आजाद हुए तो देश के वर्तमान नेताओं ने यह तय किया कि अब भारत संवैधानिक व्यवस्थाओं से सरकार चलाएगा यानी कि यहां पर अब कोई राजा नहीं होगा यहां की जनता ही राजा होगी तो दोस्तों इसके लिए फिर संविधान की आवश्यकता हुई और संविधान बनाने के लिए फिर संविधान सभा का गठन किया गया और संविधान सभा ने 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में संविधान बना कर दिया और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया आज हमारा भारत देश और भारत देश की सरकार इस संविधान के अनुसार चलती है जो इस संविधान में लिखा गया है उसी अनुसार भारत देश आज अपनी सरकार को चलाता है
जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है की जनता ही जनता का शासन चलाएगी यानी कि भारत देश का प्रधान मुखिया भी जनता के द्वारा चुना हुआ ही कोई व्यक्ति होगा जो कि आम जनता में से ही कोई होगा बड़ा देश और विभिन्न प्रकार की संस्कृति आए यहां पर होने के कारण हर एक प्रकार के नियम और कानूनों को संविधान में लिखा गया जिससे कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान बन गया जिसमें हर छोटी से छोटी बातें और उससे संबंधित नियम कानून भी लिखे गए हैं यहां तक कि पशु और पक्षियों के लिए भी नियम कानून बनाए गए हैं मगर दोस्तों जानकारी के अभाव में हम इन नियम कानूनों का उपयोग नहीं कर पाते हैं अगर आप भारत देश में रहते हो तो आप चाहे कोई धार्मिक ग्रंथ पड़े या ना पड़े पर एक बार आप संविधान जरूर पढ़ना इससे दोस्तों आपको नियम कानूनों के बारे में जानकारी मिलेगी और काफी हद तक आपको भारतीय संविधान कैसे बना और किस प्रकार से भारतीय संविधान के अनुसार पूरा भारत देश चलाया जाता है यदि आपको समझने को मिल जाएगा दोस्तों यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा